Poshan : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 8वां बजट पेश कर दिया है। जिसकी चर्चा इन दिनों हर तरफ चल रही है। इस बजट में महिलाओं के लिए दो खास योजना की घोषणा की। पहली नया व्यवसाय शुरु करने वाली अनुसूचितजाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को ऋण देने की घोषणा। जिस पर वुमेन्स इंडिया की सरकारी योजनाएं कॉलम में जानकारी मौजूद है। अब बात करते है, दूसरी योजना की। जो आंगनबाड़ी से जुड़ी हुई है। तो जानते है बजट 2025 में शामिल महिलाओं से जुड़ी इस नई योजना के बारे में…
देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी आवश्यक
मोदी सरकार के 3.0 बजट में महिलाओं को बिजनेस से जोड़ने और देश की वर्कफोर्स में उनकी संख्या बढ़ाने की बात कही गई। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए महिलाओं का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 (Poshan) का ऐलान किया गया है। जो महिलाओं और बच्चों के लिए है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस योजना का लाभ 8 करोड़ बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं और 20 लाख किशोरियों को मिलेगा।
बच्चें, किशोरियों और महिलाओं को मिलेगा लाभ (Poshan)
“सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0” (Poshan) भारत सरकार की अहम योजना है। जिसका उद्देश्य बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण को कम करना है। महिलाएं जब तन से मजबूत होंगी तो वे हर कार्य को अच्छे से कर पाएंगी। स्वस्थ महिला स्वंय के साथ अपने बच्चें को भी बेहतर जीवन प्रदान कर सकती है।
सर्वे के अनुसार महिलाएं गृह कार्य के साथ नौकरी या बिजनेस को करने की भी पूर्ण क्षमता रखती है। तो देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी अहम है। इसी उद्देश्य से नए बजट में कुपोषित महिलाओं के स्वास्थ्य पर जोर दिया गया है।
मिशन शक्ति का हिस्सा पोषण 2.0 (Poshan)
सरकार इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषण (Poshan) प्रदान करवाएगी। नई योजना ‘मिशन शक्ति’ का ही हिस्सा है। इस योजना के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिए पात्र लाभार्थियों को पूरक पोषण दिया जाता है। फिलहाल दी जाने वाली सुविधाएं भी जल्द ही बढ़ा दी जाएगी। अब आगे जानते है पूरक पोषण में क्या है और क्या-क्या सुविधाएं इसमें प्रदान की जाती है।
पूरक पोषण सरकार का चलाया एक विशेष अभियान है। जिसमें 6 महीने से 6 साल के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और स्तनपान कराने वाली माताओं को साल में 300 दिन पोषण सहायता दी जाती है। पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत, गंभीर रूप से कम वज़न वाले बच्चों, किशोर लड़कियों, और कुपोषित बच्चों को भी पोषण सहायता दी जाती है।