Neena Gupta : पिंक साड़ी, हल्टर-नेक ब्लाउज के साथ बालों में गुलाबी फूल लगाएं बड़ी शान से अभिनेत्री नीना गुप्ता ने अपना तीसरा नेशनल अवॉर्ड रिसीव किया। इस दौरान उनकी आंखो में एक अलग चमक दिखाई दी। जो ये कह रही थी की की अभी रुकना नहीं है, बस यूं ही चलते रहना है। बहुत ही कमाल हैं यह अभिनेत्री, जिनके पास भरपूर सब्र और संघर्ष है।
65 की उम्र Stunning लुक में Neena Gupta
वैसे तो नीता गुप्ता (Neena Gupta) ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1980 में की थी पर उस दौरान उन्हें वह पहचान नहीं मिली जो आज के समय में है उनकी है। तीसरा नेशनल अवॉर्ड 65 की उम्र में प्राप्त करना उनके सब्र को ही दर्शाता है। कई बार जीवन में लगातार मिल रही हार और संघर्ष से जिंदगी बिखर जाती है, पर नीना गुप्ता ने अपने संघर्षों को अपना गहना बना लिया और आगे बढ़ती रहीं।
इस फिल्म के लिए मिला तीसरा नेशनल अवॉर्ड (Neena Gupta)
तीसरा नेशनल अवॉर्ड नीना जी (Neena Gupta) को फिल्म “वध” के लिए मिला है। यह एक मध्यम-वर्गीय महिला की कहानी है, जो एक जटिल और संवेदनशील परिस्थिति से जूझती है। फिल्म में उनके किरदार की गहराई और भावनाओं को जिस सहजता से उन्होंने पर्दे पर उतारा, वह दर्शकों और आलोचकों के बीच काफी सराही गई। इस फिल्म में उन्होंने(Neena Gupta) जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों का सामना कर रही एक साधारण महिला के चरित्र को इतनी प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया कि यह भूमिका एक यादगार बन गई।
Neena Gupta को इन तीन फिल्मों के लिए मिल चुका है नेशनल अवॉर्ड
1980 के दशक में अपने करियर की शुरुआत करने वाली नीना गुप्ता (Neena Gupta) ने अब तक कई सारी शानदार फिल्में की। उनके अभिनय ने हर किरदार में जान फूंक दी। जिसके लिए भारत सरकार ने उन्हें अब तक तीन बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया। ये है वो तीन फिल्में जिन्हें आप खुद देखकर नीना गुप्ता के अभिनय से परिचित हो सकते हैं।
- फिल्म “छोकरी” के लिए उन्हें पहली बार नेशनल अवॉर्ड मिला था, जिसमें उन्होंने एक संघर्षशील महिला का किरदार निभाया था।
- 2018 में आई फिल्म “बधाई हो” में उनकी मां की भूमिका ने उन्हें दूसरा नेशनल अवॉर्ड दिलवाया और दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई।
- 9 अक्टूबर 2024 को नीना जी को फिल्म “वध” के लिए तीसरा नेशनल अवॉर्ड मिला है। यह एक मध्यम-वर्गीय महिला की कहानी है, जो एक जटिल और संवेदनशील परिस्थिति से जूझती है।
तीसरे नेशनल अवॉर्ड ने साबित कर दिया है कि नीना गुप्ता अभी भी अभिनय के शिखर पर हैं और उनकी अभिनय प्रतिभा उम्र और समय की सीमाओं को पार कर चुकी है।
सम्मान के बाद नीता गुप्ता (Neena Gupta) कि प्रतिक्रिया
तीसरा नेशनल अवॉर्ड जीतने पर नीना गुप्ता (Neena Gupta) ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह मेरे लिए एक बेहद खास पल है। जब मुझे “वध” जैसी फिल्म में काम करने का मौका मिला, तो मुझे पता था कि यह एक चुनौतीपूर्ण किरदार होगा। लेकिन यह पुरस्कार मेरे लिए इस बात की पुष्टि है कि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती। “मैं आभारी हूं कि दर्शकों और समीक्षकों ने मेरे काम को हमेशा सराहा और मुझे इस मुकाम तक पहुँचने का मौका दिया।”
शुरुआती जीवन
नीना गुप्ता (Neena Gupta) का जन्म 4 जुलाई 1959 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से एक्टिंग की पढ़ाई की और 1980 के दशक में हिंदी सिनेमा में प्रवेश किया। शुरुआती फिल्मों में वो “छोकरी” (1994) जैसी भूमिकाओं के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। इसके अलावा, उन्होंने श्याम बेनेगल और सत्यजीत रे जैसे प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया।
शानदार फिल्मी करियर (Neena Gupta)
नीना गुप्ता (Neena Gupta) ने टेलीविज़न पर भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज की। 1980 के दशक में खानदान, बुनियाद और मिर्जा गालिब जैसे लोकप्रिय शो में उन्होंने अद्वितीय अभिनय का प्रदर्शन किया। सांस (1998) नामक टीवी सीरियल में उनके काम को बहुत सराहा गया, जिसे उन्होंने खुद निर्देशित भी किया था। उनकी इस भूमिका को भारतीय टेलीविज़न में स्त्रियों के सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता है।
दूसरी पारी में की ग्रांड वापसी
हाल के वर्षों में, नीना गुप्ता (Neena Gupta) ने अपने करियर में दूसरी पारी के रूप में शानदार वापसी की। फिल्म “बधाई हो” (2018) में उनकी मां की भूमिका ने दर्शकों और आलोचकों से सराहना प्राप्त की, जिसके बाद वह एक बार फिर मुख्यधारा में आई। इस फिल्म ने उन्हें कई पुरस्कार दिलवाए और इसने उनकी सशक्त अभिनेत्री के रूप में नई पहचान बनाई।
इसके बाद उन्होंने “शुभ मंगल ज्यादा सावधान” (2020), “सरदार का ग्रैंडसन” (2021), “डायल” 100 (2021), और “वध” (2022) जैसी फिल्मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं। उनकी फिल्मों में समाज की संवेदनशीलता को गहराई से प्रस्तुत किया गया, और वे नारीवाद और सशक्तिकरण के मुद्दों को लेकर चर्चा में रहीं।
अपनी बुक के लिए हैं चर्चा में
हाल ही में नीना गुप्ता (Neena Gupta) ने अपनी आत्मकथा “सच कहूं तो” (2021) लिखी है। जो काफी चर्चित रही। जिसमें उन्होंने (Neena Gupta) अपने जीवन के संघर्ष, करियर के उतार-चढ़ाव और व्यक्तिगत जीवन के बारे में बेबाकी से लिखा है। वह अब भी विभिन्न फिल्मों और वेब सीरीज में काम कर रही हैं, और उन्हें युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत माना जाता है।
नीना गुप्ता (Neena Gupta) का करियर एक उदाहरण है कि कैसे एक महिला, जो पारंपरिक सीमाओं को तोड़ते हुए, अपने टैलेंट और धैर्य से सिनेमा में स्थान बना सकती है। उनके करियर की दूसरी पारी उनके दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। आज, नीना गुप्ता न सिर्फ फिल्मों बल्कि सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहती हैं और जीवन के हर पहलू को खुले तौर पर साझा करने के लिए जानी जाती हैं।
नीना गुप्ता के संघर्षों की साथी उनकी बेटी
नीता गुप्ता (Neena Gupta) की इस जर्नी को उनकी बेटी “मसाबा गुप्ता” ने अपनी आंखो से देखा है। जो खुद एक सफल फैशन डिजाइनर और अभिनेत्री हैं। जब मां ने अपना तीसरा नेशनल अवॉर्ड रिसीव किया तो, बेटी ने मां के लिए चियर अप करते हुए बहुत ही प्यारा सा मैसेज किया। मसाबा गुप्ता ने कहा की “मैं अपने बच्चों को बताऊंगी की देखो कैसे उनकी नानी ने बालों में फूल लगाए अपना तीसरा नेशनल अवॉर्ड प्राप्त किया” । नीता गुप्ता की तरह ही हैं उनकी बेटी मसाबा गुप्ता, बेहद टैलेंटेड।
Inspirational Woman : 80 साल की डेरिंगबाज़ दादी, तैराकी की बनीं Champion