टेक्सटाइल पार्क के लिए 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था
हथकरघा उद्यमियों को मिलेंगे नए अवसर (Employment)
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का अहम ज़रिया
हथकरघा उद्योग के विशेष कार्य (Employment)
उत्तर प्रदेश में काफी बड़े स्तर पर हाथों से तैयार किए वस्त्रों का काम होता है। जो वहां की पहचान भी है और दूसरे व्यक्ति के आजिविका (Employment) का साधन भी है। इन तैयार कपड़ों में राज्य की पुरानी कला देखने को मिलती है। जिसे देश विदेशों में पसंद किया जाता है। यहां सुंदर कालीन, साड़ियां, चादर और कई तरह के बुनाई और कढ़ाई वाले वस्त्र देखने को मिलते है। जो पूरी तरह हैंडमेड होते है।
कलाकार और सांस्कृतिक विरासत से भरा राज्य
कालीन उत्पादन में उत्तर प्रदेश का विशेष योगदान है। जो यूपी के भदोही, मिर्ज़ापुर, और आगरा में प्रमुख रुप से बनाए जाते है। इसके बाद यहां की साड़ियों की डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है। वाराणसी की साड़ियां, जामदानी, जामावर, ब्रोकेड, तनछुई, जगलां, और बूटीदार की परंपरागत बुनाई शैली साड़ियां देशभर में प्रसिद्ध है। गोरखपुर, मेरठ, और अमरोहा में सुंदर बेडशीट और बेडकवर तैयार होते है। कानपुर में रेडीमेड वस्त्र बनते है।
अलीगढ़ में दर्रेट और बाराबंकी में स्टोल बनते हैं। मऊरानीपुर में शर्टिंग और मेरठ और टांडा में लुंगी बनती है। उत्तर प्रदेश की कला और संस्कृति सभी का मन मोह लेती है। यही वजह है की कला के क्षेत्र में नए रोजगार (Employment) यहीं उत्पन्न होते है।
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