PMMVY : गर्भावस्था महिला के जीवन का सबसे सुंदर समय होता है, आनेवाले बच्चे के साथ माता-पिता की जिम्मेदारी भी बदलती हैं। इसी बीच कई बार गर्भवती महिलाएं तनाव में भी आ जाती है। उन्हें इस बात की चिंता सताती है की डॉक्टर के खर्चे और जरुरी दवाओं के लिए पैसा कहां से आएगा। तो अब चिंता छोड़िए और सरकार की इस योजना का लाभ उठाईए। जो खास गर्भवती महिलाओं के लिए ही बनायी गई है।
इस योजना का नाम है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)। जो भारत सरकार की चलाई जा रही एक महत्त्वपूर्ण योजना है। जिसका उद्देश्य गर्भवती और धात्री महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना विशेष रुप से पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को लक्षित करती है, ताकि उनके गर्भावस्था के दौरान पोषण और स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) का मुख्य उद्देश्य माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाना है। योजना के अंतर्गत महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे गर्भावस्था के दौरान उचित पोषण ले सकें और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें।
योजना का लाभ किन्हें मिलेगा
मात्र गर्भवती महिलाएं ही इस योजना (PMMVY) का लाभ पहली बार गर्भवती होने पर उठा सकती हैं। वे महिलाएं जो पहले से एक बच्चे की मां हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलता। यह योजना खासकर कामकाजी महिलाओं के लिए बनाई गई है, जिनके पास मातृत्व अवकाश के दौरान आय का कोई स्रोत नहीं होता।
आर्थिक सहायता में कितने की मदद मिलती है
योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला को 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाती है
- पहली किस्त (1,000 रुपये): गर्भावस्था के पहले तीन महीने के अंदर गर्भवती महिला के पंजीकरण के बाद।
- दूसरी किस्त (2,000 रुपये): गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे तिमाही के दौरान कम से कम एक प्री-नेटल चेकअप के बाद।
- तीसरी किस्त (2,000 रुपये): बच्चे के जन्म और टीकाकरण के बाद (BCG, OPV, DPT और Hepatitis-B टीके)।
योजना का लिए क्या पात्रता है ?
मात्र 4 मुख्य पात्रता आवश्यक है, जिनके साथ आप इस योजना का लाभ ले सकती हैं
- महिला को पहली बार गर्भवती होना चाहिए।
- महिला की आयु 19 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- महिला और उसके पति को सरकारी सेवाओं का कर्मचारी नहीं होना चाहिए।
- महिला को योजना के तहत मां बनने के बाद अपने बच्चे का टीकाकरण कराना अनिवार्य होता है।
किन-किन दस्तावेज़ों का होना आवश्यक है?
- आधार कार्ड
- बैंक खाता संख्या और आईएफएससी कोड
- गर्भावस्था का प्रमाण पत्र (प्रथम और द्वितीय तिमाही में)
- बच्चे के जन्म का प्रमाण पत्र (तृतीय किस्त के लिए)
- टीकाकरण का प्रमाण पत्र
कैसे करें योजना के लिए आवेदन
- आवेदनकर्ता को आंगनवाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र में जाकर पंजीकरण कराना होता है।
- योजना के लिए फॉर्म ऑनलाइन भी भरा जा सकता है।
- आवेदन के बाद संबंधित दस्तावेज़ों को फॉर्म के साथ संलग्न कर संबंधित अधिकारी को जमा करना होता है।
- सफल पंजीकरण और दस्तावेज़ों के सत्यापन के बाद लाभार्थी के बैंक खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाती है।
योजना का महत्व
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत में मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उचित पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करती है। योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक करना भी है।
सरकार ने इस योजना में समय-समय पर कुछ बदलाव किए हैं ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को इसका लाभ मिल सके। 2024 तक योजना के दायरे को बढ़ाने और प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए विभिन्न सुधार किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। इससे न केवल महिला का स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि भविष्य में बच्चे के समग्र विकास में भी मदद मिलती है। बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र से भी कई सुविधाएं मिलती हैं। माता के लिए आवश्यक दवाएं और बच्चे के टीकाकरण का लाभ मिलता है।